भाभी की चुदाई देवर के लंड से sex story

  भाभी की चुदाई देवर के लंड से 

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बेटे के साथ वीडियो बनाकर मां ने की अश्लीलता की हद पार, 


मेरा नाम सोनल भाभी है, मै रजिस्थान के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं। मेरे पति काम के सिलसिले से मुुझे अकेेला छोड़़कर मुम्बई चले गए। और सालो में एक आद बार ही आते है।


मेरे देवर एक स्कूल में मास्टर हैं। लोग कहते हैं वो बहुत बुरे हैं और वे महिलाओं की कामुकता को संतुष्ट करने में बहुत अच्छे हैं। उसी समय देवर जी के कई महिलाओं के साथ नाजायज संबंध थे।


और तो और उन्होंने अपने स्कूल की कक्षा 10 की कुछ लड़कियो को भी चोद रखा था।


हर कोई देवर जी को अपने आदर्श चुदाई के लिए गुप्त रूप से 'प्लेबॉय' के नाम से पुकारता है। पहले तो मुझे इस का मतलब नहीं पता था लेकिन बाद में खुद मुझे देवर द्वारा पता चला की प्लेबॉय का मतलब रंडीबाज होता है।


चलिए अब में आप को अपनी खूबसूरती के बारे में कुछ बताती हूं। मेरी त्वचा का रंग थोड़ा गोरा है, और मै दिखाने में बहुत आकर्षक हूं, मेरा जवान बदन गुलाब की तरह खूबसूरत है। मेरा फिगर बहुत सेक्सी है - मेरे, स्तन काफी बड़े और सुडौल हैं, मेरी कमर पतली और कूल्हे चौड़े है -

                                                     

मेरी मुस्कान युवाओं को खींच लेती है। मेरा शरीर रस से भरा है। जवानी उबल रही है। मेरे पतले शरीर और भारी स्तनों ने देवर जी को और अधिक मंत्रमुग्ध कर दिया .. मेरे एकदम ताजे और मोटे स्तन ..को तो वो ऐसे देखते थे जैसे मुझे कच्चा खा जाएंगे... मेरे बड़े स्तन और चौड़ी गांड़ ने देवर जी को पागल कर दिया।

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उन्हें देख कर ऐसा लगता था जैसे वो मेरे शरीर को नग्न देखना चाहते है और मेरे जवानी पर अपनी इच्छा का रस डालना चाहते है।


तो एक दिन मै मसाला पीस रही थी और तभी अचानक से देवर जी सामने आकर बैठ गए और मेरे स्तनों को देखने लेगे। और मै भी ये सोचने लगी कि क्या मुझे भी इन्हें अपने दूधियों को चूस ने का मौका देना चाहिए।

और ऐसा सोचते हुए मै मुस्कुराने लगी।

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तभी अचानक से देवर जी खड़े होकर मेरे पास आए और मेरे कपड़े के अंदर अपन हाथ डाला दिया। और मै घबरा गई और अपने कमरे के अंदर जा कर दरवाजा बंद कर दिया।


देवर जी की इस हरकत से में बड़ी बेचैन हो। गई थी और ना जाने कब मेरी चूत से रस टपकने लगा। मेरी आंखो के सामने बस देवर जी का चेहरा था।


उसके अगले दिन

देवर जी की पत्नी अपने पिता के घर चली गई क्युकी उस की मां की तबीयत बहुत खराब हो चुकी थी।

उस दिन देवर जी भी स्कूल से जल्दी घर वासप आगाए। दोपहर का समय था

मै अपने कमरे में गहरी नींद ले रही थी मैंने दरवाजा बंद नहीं किया था।


उस दिन मैने एक नाइटी पहनी थी और अन्दर कोई ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी। मेरी गांड नाईटी से साफ चमक रही थी। और नाइटी मेरे घुटनों तक थी, जिसमें मेरे पैरों के कई हिस्से दिखाई दे रहे थे। क्या सुंदर गोरा पैर, कोई बाल नहीं थे।


मुझे पता भी नहीं चला कब देवर जी कमरे की खिड़की से मेरे शरीर को देखने लगे।

फिर चुपके से मेरे कमरे में घुस गए और मेरे पैरो से मुझे चूमने लगे मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरी नाइटी के अंदर अपना हाथ डाल रहा है।


जब मेरी आंखे खोली तो मैंने देखे देवर जी मेरे सामने है

उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा चेहरा पकड़ लिया और मुझे चुप करा दिया

मै घबरा कर उन्हें देखने लगी और उन्होंने अपना एक हाथ फिर से मेरी नाइटी में डाला और मेरी चूत को सहलाने लगे।


जैसे ही देवर जी ने अपनी उंगलियों को मेरी चूत में डाला में मदहोश होने लगी और मेरी चूत गीली होने लगी।

फिर देवर जी मेरे चहरे से अपना हाथ हटाया और मुझे किस करने लगे।


मै भी अब उत्तेजित होने लगी और मैंने भी देवर जी के मुँह के अंदर अपनी गर्म जीभ घुसा दी। अब हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह चूमने लगे।


फिर उन्होंने ने अपने एक हाथ मेरे स्तनो के बीच में डाल दिया। नीचे कोई ब्रा नहीं थी इसलिए वो सीधा मेरे बढ़े बढ़े स्तनों को दबाने लगे। और मैने देवर जी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ा लिया। 


देवर जी मेरे कान में फुफुसाते हुए बोले। भाभी जी आप के पति महीनों से यहां नहीं है आप को चुदाई करवाने का मन नहीं करता क्या?


मै सिसकियां लेने हुए कहती हूं। चुदने का मन तो बहुत करता है देवर जी पर डर लगता है कहीं तुम्हारे भाईया को पता चल गया तो।


फिर मै उसे मना करती हूं। नहीं नहीं देवर कि आप जाइए यह से आसपास कोई भी देख सकता है।

प्लीज ये मत करो


पर वो नहीं माना, उस ने पसीने से भीगे हुई मेरी नाइटी को गले तक उतार दिया। और भूखे जानवर की तरह मेरे स्तनों को चूसने लगे


वो मुझे इतनी बुरी तरह चूस रहे थे कि में उन्हें रुक नहीं पाई। अब देवर जी ने अपने एक हाथ से बायें दूध को दबाते हुए मेरे दाहिने निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगे ऐसा लग रहा था जैसे वो आज मुझे चोद के ही दम लेंगे।

लेकिन अब मै भी हवस कि आग में जलने लगी थी।


जैसे जैसे वो मेरे स्तनों को दबा कर चूस रहा था मेरे मुंह से सिकारियां निकालने लगी।



देवर जी मेरे दूध चूसने में लगे थे और मुझे पता भी नहीं चला कि कब मै धीरे से अपनी चूत को सहलाने लगी।

हवस की आग ने मेरी चूत को बुरी तरह गीला कर दिया।


काफी देर देवर जी ऐसे ही मेरे स्तनों के साथ खेलते रहे उन्होंने मेरे निप्पल को हल्के से काटा और चूस चूस कर लाल कर दिया था।


फिर देवर जी में मुझे अपनी गोद में उठा कर मेरे दूध को निचोड़ना शुरू कर दिया।



मै सिसकियां लेते हुए देवर जी को रोकने की कोशिश करती रही की प्लीज़ देवर जी मै आप की भाभी हूं आप मुझे ऐसे नहीं चोद सकते अगर किसी को कुछ पता चला तो मेरी बहुत बदनामी होगी।


फिर देवर जी मुझ से कहने लगे कि वो किसी को कुछ नहीं बताएंगे और फिर देवर जी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी तरह नग्न हो गए।


उन का इतना बड़ा लंड देख कर मेरे अंदर की वासना पूरी तरह जाग गई।


और मै सेक्स की आग में जलने लगी। देवर जी का लन्ड देख कर ऐसा लगा की महीनों से प्यासी मेरी चूत को आज कोई चोदेगा। मै भी अब मन ही मन देवर जी से चुदने के लिए पागल होने लगी।


वाह क्या गज़ब का लन्ड था। इतना बड़ा लंड मैंने आज तक नहीं देखा था।


मुझे से भी अब रहा नहीं जा रहा था मैं उनकी बात मानते हुए उन का साथ देने लगी। फिर उन्होंने मेरी बालों वाली चूत के अंदर अपने हाथ की सारी उंगलियां डाला और बहुत ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगे।


मेरी सिसकियां अब बहुत तेज़ हो चुकी थी। मुझे भी अब ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।


मेरी चूत को बुरी तरह मसलने के बाद उस ने अपना मोटा लन्ड मेरी चूत पर रखा कर सहलाने लगे।

मेरी सिसकियां तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।


फिर देवर जी ने मुझ से पूछा बोलो भाभी जी डाल दू अपना लौड़ा आप के अंदर।


मैं सेक्स के नशे में इतना पागल हो चुकी थी कि मुझसे रहा नहीं गया मैंने सिसकियां भरते हुए देवर जी से कहा ओह देवर जी प्लीज़ अब मुझे और मत तड़पाओ और अपने लन्ड का स्वाद मेरी चूत को चखाओ।


फिर देवर जी ने बहुत बेरहमी से अपना पूरा मोटा लंड मेरी चूत के अंदर उतार डाल दिया और मैं दर्द से तड़पने लगी पर मेरे अंदर एक अजीब सा सुकून था कि आखिरकार महीनों बाद कोई लोड़ा मेरी चूत के अंदर मुझे चोदने के लिए आया था और मैंने भी अपनी चूत के चिप चिपे पानी से उसका स्वागत किया।


देवर जी ने अब मुझे बुरी तरह चोदना शुरू कर दिया था वह मुझे ऐसे चोदते गए जैसे मैं उनकी पर्सनल रखैल हूं।

और मैं भी अब इस बेरहम चुदाई का मजा ले रही थी।


मुझे दिल से अपने पति के लिए बुरा लग रहा था पर इस दर्द भरी चुदाई का मजा भी आ रहा था।


काफी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उन्होंने मुझे घूमकर उल्टा लेटने को कहा मै हवस में इतनी पागल हो चुकी कि उन की बात मानने के लिए मजबुर हो गईं और एक कुत्तिया की तरह घूम के लेट गई।


फिर देवर जी ने पीछे से मेरी गांड में एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगे और मै दर्द से तड़प कर बोली प्लीज देवर जी ऐसा मत करो मैं अपनी चूत तो आप के हवाले कर चुकी हूं अब मेरी गांड के छेद को तो छोड़ दो।

पर देवर जी ने मेरी एक बात ना मानी और मेरी गांड में उंगलियां डालकर ही मुझे चोदते रहे।

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और मै इस दर्द भारी चुदाई के मजे लेते हुए बिस्तर को आपने हाथो से निचोड़ने लगी।


देवर जी के लंड ने मेरी चूत का बूरा हाल कर रखा था ये चूत का दर्द बहुत असहनीय था। पर देवर जी ने मुझे सैक्स का वो चरमसुख दिया जिस के लिए में महीनों से प्यासी थी।



काफ़ी देर मुझे चोदने के बाद देवर जी बुरी तरह थक गए और उन्होंने

अपने दो बड़े अंडकोष जो वजन में काफी भारी थे।मैंने महसूस किया कि उन के लंड के छोटे से छेद से होकर उन का वीर्य मेरी चूत में आ रहा है जो बहुत ही गरमा गरम था।


देवर जी की इस दर्दभरी चुदाई ने मुझे पूरी तरह संतुष्ट कर दिया। मैंने आज तक ऐसा कभी अनुभव नहीं किया था। अब देवर जी थक कर वहीं मेरे बगल में लेट गए और मुझे कस कर अपनी बाहों में लपेट लिया।


अब मैं भी कहां रुकने वाली थी मैंने भी देवर जी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया।



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